तर खेती [15], आर्द्र खेती [16], झूम कृषि [17] तथा पर्वतीय कृषि [18] ।
4.
तर खेती [20], आर्द्र खेती [21], झूम कृषि [22] तथा पर्वतीय कृषि [23] ।
5.
शुष्क खेती परअधिक ध्यान देना होगा तथा झूम कृषि प्रणाली के स्थान पर अन्य उत्पादकव्यवस्था अपनानी होगी.
6.
वर्षा वाले क्षेत्र में), झूम कृषि (उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी घाट) तथा पर्वतीय कृषि (विशेषतौर पर हिमालय के ढालों पर)
7.
इसे देश के विभिन्न राज्यों में झूम कृषि तथा उड़ीसा एवं आंध्र प्रदेश में पोडु के नाम से जाना जाता है।
8.
रबड़ के बागानों और अन्य आर्थिक लाभवाली प्रजातियों के वृक्षों और आर्थिक लाभकारी छायादार फसलों को लगाकर आस्तियों के सृजन द्वारा झूम कृषि के दुष्प्रभावों को नियंत्रित करना.